आयुष्मान भारत योजना और मेडिकल एथिक्स: सावधान! आपका इलाज नहीं, आपका कार्ड लूटा जा रहा है!

आयुष्मान भारत योजना और मेडिकल एथिक्स:  सावधान! आपका इलाज नहीं, आपका कार्ड लूटा जा रहा है!

       आयुष्मान भारत (PM-JAY) दुनिया की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना है। गरीब परिवार को हर साल ५ लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज मिलता है। बहुत अच्छी बात है। लेकिन इस योजना के नाम पर कुछ निजी अस्पताल जो इसके “एम्पैनल्ड” (मान्यता प्राप्त) हैं, वे गरीब मरीजों के साथ जो खेल खेल रहे हैं, वह दिल दहला देने वाला है।

 ये अस्पताल क्या-क्या गलत कर रहे हैं?

1. बिना जरूरत के ऑपरेशन  
   मरीज को साधारण बुखार, पेट दर्द या हल्की चोट आई नहीं कि डॉक्टर कहते हैं – “तुरंत ऑपरेशन करना पड़ेगा, नहीं तो जान जा सकती है!”  
   असल में छोटी-मोटी दवा से ठीक होने वाला मरीज भी ICU में डाल दिया जाता है, घुटना बदल दिया जाता है, पित्त की थैली निकाल दी जाती है – सिर्फ इसलिए कि ऑपरेशन का पैकेज १-२ लाख रुपये का होता है और अस्पताल को पूरा पैसा मिल जाता है।

2. मौत का डर दिखाकर लूट  
   “अगर अभी ऑपरेशन नहीं किया तो मरीज की जान चली जाएगी” – यह डायलॉग गरीब मरीज के परिवार को इतना डराता है कि वे कुछ भी करने को तैयार हो जाते हैं।  
   परिवार वाले कहते हैं – “डॉक्टर साहब, जो कहो करो, बस जान बचा लो।”  
   और अस्पताल वाले मौका देखकर बिल बढ़ाते जाते हैं।

3. पैसा ऐंठना बंद नहीं होता  
   योजना कहती है – मरीज से एक पैसा भी नहीं लेना।  
   लेकिन ये अस्पताल कहते हैं:  
   - “ऑपरेशन तो आयुष्मान से हो जाएगा, लेकिन दवा बाहर से लानी पड़ेगी – २०-३० हजार रुपये।”  
   - “ICU में AC का चार्ज अलग है।”  
   - “ब्लड अलग से लाओ।”  
   - “डॉक्टर की फीस योजना में नहीं आती।”  
   ऐसे हज़ार बहाने बनाकर ५० हजार से २ लाख रुपये तक गरीब परिवार से वसूल लेते हैं।

यह सिर्फ धोखा नहीं, मेडिकल एथिक्स का खुला उल्लंघन है।  
डॉक्टर का धर्म है – मरीज को बचाना, लूटना नहीं।

 ऐसे अस्पतालों की शिकायत जरूर करें – चुप मत रहें!

       अगर आपके साथ या आपके किसी जानने वाले के साथ ऐसा हुआ है तो यह आपका हक़ है कि आप आवाज उठाएं। आपकी एक शिकायत से न केवल आपको न्याय मिलेगा, बल्कि दूसरे गरीब मरीज भी बच जाएंगे।

 शिकायत कहाँ और कैसे करें?

1. सबसे आसान और तेज़ तरीका  
   टोल-फ्री नंबर : 14555  
   (24 घंटे खुला है, हिंदी में भी बात हो सकती है)

2. ऑनलाइन शिकायत  
   वेबसाइट : https://cgrms.pmjay.gov.in  
   यहाँ “Grievance Register” पर क्लिक करें → अपना मोबाइल नंबर डालें → पूरी घटना लिखें।

3. महाराष्ट्र में अतिरिक्त नंबर  
   1800-233-2200 या 155388

 शिकायत करते वक्त क्या-क्या सबूत जरूर रखें?

जितने ज्यादा सबूत, उतनी जल्दी कार्रवाई होगी। ये चीजें जरूर इकट्ठा करें:

- मरीज का आयुष्मान कार्ड नंबर  
- अस्पताल का नाम, पता और PM-JAY ID  
- बिल की कॉपी (जितने भी पैसे लिए हों)  
- प्रिस्क्रिप्शन, डिस्चार्ज कार्ड, रिपोर्ट्स  
- ऑपरेशन की जरूरत थी या नहीं – इसका कोई दूसरा डॉक्टर का ओपिनियन (अगर हो सके)  
- पैसे मांगे गए हों तो उसकी रसीद या UPI ट्रांजेक्शन का स्क्रीनशॉट  
- ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग (अगर आपने बातचीत रिकॉर्ड की हो)  
- गवाहों के नाम और नंबर (परिवार के सदस्य या साथ गए लोग)

 क्या होगा शिकायत के बाद?

- ४८ घंटे में शिकायत का नंबर मिलेगा।  
- जाँच टीम अस्पताल जाएगी।  
- अगर दोष साबित हुआ तो:  
  → अस्पताल पर लाखों का जुर्माना  
  → आयुष्मान योजना से हमेशा के लिए बाहर (डी-एम्पैनलमेंट)  
  → गंभीर मामलों में FIR और जेल भी हो सकती है।

     आयुष्मान योजना गरीबों के लिए वरदान है, लेकिन कुछ लालची अस्पताल इसे अभिशाप बना रहे हैं।  
हम चुप रहेंगे तो ये लोग और बेखौफ हो जाएंगे।  
अपनी आवाज उठाइए।  
एक शिकायत से दस मरीज बच सकते हैं।

         संभाजी नगर (औरंगाबाद,) में  ऐसे मेडिकल एथिक्स ताक पर रखने वाले अस्पतालों के खिलाफ अगर आपको आवाज उठानी है और आपको मार्गदर्शन चाहिए तो हम आपकी मदद करने के लिए तैयार हैं। आप हमसे कांटेक्ट कर सकते हैं।

डरिए मत, लड़िए!  
आपका हक़ कोई छीन ले, यह बर्दाश्त नहीं करना। 

जय हिंद! जय आयुष्मान!  
(लेकिन बेईमान अस्पतालों से सावधान!)

- डॉ. रियाज़ देशमुख, सहाय्यक पोलीस आयुक्त (नि), छत्रपती संभाजीनगर (औरंगाबाद)-  8888836498