सावरकर समझा क्या? राहुल गांधी नाम है।
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा ने कांग्रेस का खोया हुआ कॉन्फिडेंस बहाल कर दिया है। इसलिए वह बिल्कुल भी बैकफुट पर नहीं जाती। राहुल गांधी के बयान पर किसी ने यह नहीं कहा कि उनको ऐसा नहीं कहना चाहिए था। उनकी जुबान फिसल गई। उन्होंने यह कहा ही नहीं। उनके बयान को कॉन्टेक्स्ट से हटाकर पेश किया जा रहा है। उनकी बात का यह मतलब नहीं था। वगैरा वगैरा।
कांग्रेसी तो यह कह रहे हैं कि, राहुल ने जो कुछ कहा वह बिलकुल दुरुस्त है। कांग्रेस ने क्लियर शब्दों में कहा कि राहुल ने कोई गलत बात नहीं कही है। और वह माफी नहीं मांगेंगे। कांग्रेस पार्टी ने इस मामले में बीजेपी को डिफेंसिव मोड में डालते हुए कहा, सावरकर समझा क्या? राहुल गांधी नाम है।
पिछले कई दिनों से कांग्रेस ने विनायक दामोदर सावरकर की कायरतापूर्ण माफीनामे को हिंदुत्व के अपमान का राजनीतिक हथियार बना रखा है। इस ट्विटर मैसेज का असर यह हुआ पार्लिमेंट में उछल कूद करने वाले कानून मंत्री किरण रिजिजू को हाथ जोड़कर कहना पड़ा, की मेहरबानी करके सावरकर जैसी ग्रेट पर्सनैलिटी का अपमान ना करें।
सवाल यह है कि जो अंग्रेजों के सामने माफी मांग कर जिंदगी भर वफादारी का दम भरता है, वह ग्रेट पर्सनैलिटी कैसे हो गया है? और उसके बावजूद बीजेपी उनकी बढ़ाई को मानती है तो मानती रहे। दूसरे क्यों मानें? अंग्रेजों से माफी मांग कर देश की तौहीन करने वालों को दूसरों पर वही इल्ज़ाम लगाकर माफी मांगने की डिमांड तो नहीं करना चाहिए। इसे याद रखना चाहिए कि अब कांग्रेस पार्टी ने उससे डरना छोड़ दिया है।
इस मामले में कांग्रेस के अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा के, ब्रिटेन में दिए गए अपने बयानात के लिए राहुल गांधी के माफी मांगने का सवाल ही पैदा नहीं होता। कांग्रेस के पास फिलहाल उनकी आपत्तियों का जवाब देने के लिए एक दबंग अध्यक्ष है। उनसे जब माफी के बारे में पूछा गया तो खरगे ने कहा, जो लोग इस तरह की डिमांड कर रहे हैं, उन्हें पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उन अपमानजनक बयानात पर गौर करना चाहिए जो विदेश में भारतीय नागरिकों के खिलाफ दिए गए हैं। खरगे ने सवाल किया जो लोग राहुल गांधी से माफी मांगने की डिमांड कर रहे हैं, वह उनसे पूछना चाहते हैं कि मोदी जी ने विदेश यात्रा के दौरान 'भारत में जन्म लेना अपने आप में एक गुनाह है' के बारे में उनकी क्या राय है? क्या वह हमारे देश और उसके नागरिकों का अपमान नहीं था?
कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने आगे कहा कि इस बात से किसको विरोध हो सकता है कि आज भारत में लोकशाही दम तोड़ रही है। अभिव्यक्ति स्वतंत्र को कमजोर किया जा रहा है। टीवी चैनलों पर दबाव, और सच बात कहने वालों को जिलों में डाला जा रहा है। अगर यह लोकतंत्र का पतन नहीं है तो और क्या है?
बीजेपी का असल मामला यह है कि, वह अपने अपमान को देश का अपमान समझती है। लोकसभा में 4 सांसदों ने राहुल गांधी के खिलाफ बयानबाजी की। राहुल गांधी ने लोकसभा अध्यक्ष से मुलाकात करके उन 4 सांसदों के बयानों का जवाब देने का उन्हें हक है, इसलिए उन्हें लोकसभा में जवाब देने के लिए परमिशन देने की विनंती की। बीजेपी वालों ने लोकसभा में यह मामला उठा कर अपने पैरों पर खुद कुल्हाड़ी मार ली। हुआ भी वही जिसकी आशंका थी। जब राहुल गांधी अपना पक्ष रखने के लिए लोकसभा में खड़े हुए तो उन्हें बोलने नहीं दिया जा रहा था। जब कांग्रेसी सांसदों ने चिल्लाना शुरू किया कि, राहुल गांधी को बोलने दो, राहुल गांधी को बोलने दो, तब सभी सांसदों के माइक ऑफ कर दिए गए। इस हरकत से राहुल गांधी ने जो कुछ ब्रिटेन में कहा था उसकी पुष्टि हो गई है।